“DM बंसल का फैसला बना चट्टानों पर हथियार – जजरेट स्लाइड जोन का हुआ ऑन द स्पॉट समाधान”

“सालों से जहां चट्टानें गिरती रहीं, वहां अब गिरेंगे फैसले – डीएम सविन बंसल ने जजरेट को दिलाई राहत की राह”

by news7point

वर्षों से चकराता की लाइफलाइन कही जाने वाली कालसी–चकराता मोटरमार्ग पर स्थित जजरेट भूस्खलन जोन अब अंततः स्थायी समाधान की ओर बढ़ चला है।
जहां अब तक नेता और अधिकारी सिर्फ निरीक्षण और आश्वासन देकर लौटते रहे, वहीं जिलाधिकारी सविन बंसल ने पहली बार आपदा प्रबंधन अधिनियम में प्राप्त विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए मौके से लौटते ही कार्य की अनुमति दे दी — वो भी बिना किसी औपचारिकता के फेर में पड़े।

त्यूणी 19 जुलाई 2025 | गोविन्द शर्मा

⚡ डीएम का एक्शन: ग्राउंड जीरो से दफ्तर तक नहीं, सीधा समाधान तक

जजरेट का यह भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र 200 मीटर ऊंचा और 180 मीटर चौड़ा है, जो वर्षों से इस क्षेत्र की सड़क कनेक्टिविटी में बाधा बनता आ रहा था। आए दिन पहाड़ी दरकती, मलबा गिरता और सड़कें बंद हो जाती थीं।
लेकिन इस बार डीएम ने सिर्फ दौरा नहीं किया, बल्कि लौटते ही वन भूमि हस्तांतरण, सीए लैंड क्षतिपूर्ति जैसे अटके मसलों को दरकिनार कर आपदा अधिनियम की शक्तियों के तहत स्लोब स्टेब्लाइजेशन कार्य की अनुमति ऑन द स्पॉट जारी की।

उन्होंने लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) को निर्देश दिए कि जजरेट पर स्टेबलाइजेशन हेतु डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाए और तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए।

 सिर्फ जजरेट नहीं, पूरे क्षेत्र पर पड़ा असर

डीएम बंसल का यह दौरा केवल एक भूस्खलन क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने ध्वेरा, हईया बैंड जैसे अन्य खतरनाक स्लाइड जोनों का भी निरीक्षण किया और वहीं से आपदा मद से त्वरित धनराशि स्वीकृत कर दी।
साथ ही उन्होंने चुनावी दृष्टिकोण से स्लाइड जोन के दोनों ओर अतिरिक्त वाहन व मशीनरी की तैनाती के निर्देश दिए। रोड बाधित होने की स्थिति में तत्काल निस्तारण हो — यह सुनिश्चित करने के लिए मैनपावर और मशीनरी ऑन लोकेशन रखने को भी कहा गया।

🏥 जनसेवा से जुड़ी ज़रूरतें – स्वास्थ्य, सड़क और स्कूल भी आए रडार पर

डीएम ने भूस्खलन क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं, विद्यालय भवनों और संपर्क मार्गों की स्थिति भी परखी। कई स्थानों पर तुरंत निर्णय लिए गए।
ग्रामीणों की जनसुनवाई की भी व्यवस्था हुई, जिसमें मौके पर ही कई समस्याओं का समाधान निकाल दिया गया।

 

💬 जनता की जुबानी – “पहली बार कोई आया जो वाकई काम करके गया”

स्थानीय लोगों ने डीएम के दौरे को अभूतपूर्व करार दिया। एक बुजुर्ग ग्रामीण बोले –
“जजरेट के नाम पर सालों से फाइलें चलती रहीं, लेकिन आज पहली बार कोई ऐसा आया जो फाइल नहीं, हल लेकर गया।”
दूसरे ग्रामीण ने कहा – “पहली बार लगा कि सरकार वाकई जमीन पर आई है।”

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