“पुनर्वास के नाम पर लूट की कहानी अब खत्म! CM धामी के निर्देश पर DM सविन बंसल की धाकड़ एंट्री”

"एक ज़मीन, दो आवंटी, लाखों का फ्रॉड! डीएम सविन बंसल ने उठाया सर्जिकल स्ट्राइक वाला कदम"

by news7point

टिहरी बांध परियोजना से विस्थापित हुए लोगों को आवासीय भूखण्ड आवंटन में भारी गड़बड़ी सामने आई है। जिला प्रशासन ने जमीनों के दोहरे आवंटन और भूमि कब्जे के गंभीर मामलों को लेकर कार्रवाई की कमान संभाल ली है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस पूरे भू-आवंटन घोटाले की जांच सीबीसीआईडी अथवा विजिलेंस से कराने की संस्तुति उत्तराखंड शासन को भेज दी है। डीएम ने साफ कर दिया है— जो भी घोटाले में दोषी पाया जाएगा, उसे जेल भेजा जाएगा।

देहरादून, 26 जुलाई 2025 (गोविन्द शर्मा )
जनता दर्शन में खुला लैंडफ्रॉड का खेल

जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष आयोजित जन सुनवाई (जनता दर्शन) कार्यक्रमों में लगातार भूखंड आवंटन से जुड़ी शिकायतें आ रही हैं। विशेषकर पुलमा देवी के मामले के बाद, शिकायतों की बाढ़ आ गई है। डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए आवंटन प्रक्रिया में घोटालों की जांच कराने का निर्णय लिया है।

मामला-1: पुलमा देवी की जमीन पर दोहरी हेराफेरी

शिकायतकर्ता: पुलमा देवी, निवासी शास्त्रीपुरम टपवोन एन्क्लेव, रायपुर
मामला: वर्ष 2007 में पुलमा देवी ने दिनेश रावत से खसरा संख्या 399च की भूमि खरीदी थी, जिसका दाखिल-खारिज भी हो चुका था। बाद में राजरानी नामक महिला ने उक्त भूमि पर कब्जा कर लिया। जांच में सामने आया कि यही भूखंड पहले चन्दरू पुत्र अमरू को आवंटित हुआ था और बाद में उसी पर पुनः भूमिधरी दर्ज कर दी गई। राजस्व अभिलेखों में दोहरी प्रविष्टि के इस मामले ने विभागीय भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया।

कार्यवाही:
डीएम ने उपजिलाधिकारी विकासनगर से जांच कराई। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। मामले में पुनर्वास विभाग के अधीक्षण अभियंता को दोषी मानते हुए, पहले उनका वाहन जब्त किया गया और अब कार्रवाई का दायरा बढ़ाया जा रहा है। दोहरी प्रविष्टि को निरस्त किया गया।

मामला-2: अटकफार्म में दो भूखंड, कब्जा किसी और का

शिकायतकर्ता: सुमेर चंद, हेमंत कुमार और शैलेन्द्र कुमार, निवासी देवल, टिहरी गढ़वाल
मामला:
विस्थापितों को विकासनगर तहसील के ग्राम अटकफार्म में भूखंड संख्या 28 और 29 आवंटित किए गए थे। लेकिन स्थलीय जांच में पता चला कि इन पर कुंदन लाल जोशी का अवैध कब्जा है। जबकि जोशी के नाम पर अन्य खसरा संख्या में भूमि पहले से दर्ज है। इससे विभागीय मिलीभगत और अवैध कब्जे की आशंका प्रबल हो गई है।

मामला-3: अजबपुर कलां में एक भूखंड, दो आवंटी!

शिकायतकर्ता: अजय चौहान, निवासी रोहिणी, दिल्ली
मामला:
इरशाद अहमद को अजबपुर कलां में भूखंड संख्या बी-205 वर्ष 2001 में आवंटित किया गया था। परंतु 2005 में फतरू पुत्र भज्जू को उसी भूखंड का पुनः आवंटन कर दिया गया। यह दोहरा आवंटन विभागीय लापरवाही और लूट की कहानी बयां करता है। विभाग को इस दोहरे आवंटन को निरस्त करना पड़ा, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि कैसे एक ही भूखंड बार-बार बेचा या आवंटित किया जा रहा है।प्रशासन की सख्ती: सीबीसीआईडी जांच की सिफारिश

जिलाधिकारी सविन बंसल ने इन सभी मामलों को संज्ञान में लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि—

> “पुनर्वास विभाग में लैंड फ्रॉड गंभीर स्तर पर हुआ है। पारदर्शिता, निष्पक्षता और विस्थापितों के हक की रक्षा के लिए जिला प्रशासन किसी भी हद तक जाएगा।” डीएम ने शासन को भेजी संस्तुति में कहा है कि पुनर्वास विभाग और टिहरी बांध परियोजना द्वारा किए गए सभी भू-आवंटन की विशेष जांच सीबीसीआईडी या विजिलेंस से कराई जाए। दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन से लेकर मुकदमा दर्ज करने तक की कार्यवाही की जाएगी।

: विस्थापितों को न्याय और भ्रष्टाचारियों को जेल

विस्थापितों की जमीन हड़पने वाले सिस्टम के खिलाफ जिला प्रशासन अब आर-पार के मूड में है। डीएम सविन बंसल की पहल से न केवल घोटाले उजागर हो रहे हैं, बल्कि पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद भी जगी है। अगर शासन सीबीसीआईडी जांच को हरी झंडी देता है, तो यह राज्य का अब तक का सबसे बड़ा पुनर्वास भूमि घोटाला बन सकता है— जिसमें कई बड़े नाम और चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।

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