बटोली गांव की पगडंडियां गवाह हैं – जब सब रुके थे, तब एक अफसर चला था।बूट में कीचड़, आंखों में भरोसा… जब डीएम ने आपदा से पहले पहुंचाई उम्मीद”

“ना हेलीकॉप्टर, ना गाड़ी – कीचड़ में चलकर पैदल पहुंचा आपदा क्षेत्र”

by news7point

बटोली गांव की पगडंडियां गवाह हैं – जब सब रुके थे, तब एक अफसर चला था।बूट में कीचड़, आंखों में भरोसा… जब डीएम ने आपदा से पहले पहुंचाई उम्मीद”

रिपोर्ट | गोविन्द शर्मा 
देहरादून के दूर-दराज़ में बसा बटोली गांव, जहाँ लगातार बारिश ने रास्तों को खत्म कर दिया, खाई-खड्ड बन गए, और गाँव का दुनिया से संपर्क टूट गया। लोग सोचने लगे कि शायद अब कोई नहीं आएगा। लेकिन तभी अचानक, पगडंडियों से होते हुए, कीचड़ में लथपथ जूतों में, एक अफसर गांव में पहुँच गया — और वो थे डीएम सविन बंसल।

ना हेलीकॉप्टर, ना वीआईपी गाड़ी…
खुद पैदल चले, खेत-खलिहान पार किए, खतरनाक टीले चढ़े – ताकि वो खुद गांव के आखिरी घर, आखिरी महिला, बुजुर्ग और बच्चे से मिल सकें। “आपको कहीं जाने की ज़रूरत नहीं, प्रशासन खुद आपके द्वार पर खड़ा है” – डीएम

डीएम ने गांव वालों से साफ कहा:
“आप अकेले नहीं हैं। मुसीबत में सरकार सिर्फ़ अखबारों या टीवी में नहीं होती, वो खुद आपके पास आती है। हम यहां हैं – आपके साथ।”

रास्ता जो महीनों में बनता, वो रातों-रात तैयार! गांव तक आने वाला रास्ता पूरी तरह तबाह हो गया था, एक तरफ खाई, दूसरी तरफ टीले। लेकिन जिलाधिकारी ने कमाल कर दिखाया — जिस रास्ते को बनने में महीनों लगते, उसे एक रात में तैयार करवा दिया।
24 घंटे मशीन और मज़दूर लगाकर रास्ता बनवाया, ताकि कोई भी आपात स्थिति में गांव तक पहुंच सके।

3.84 लाख की राहत राशि – मौके पर ही चेक देकर मदद

प्रभावित सभी परिवारों को ₹4000 महीना किराये के लिए, तीन महीने का एडवांस चेक ₹3.84 लाख मौके पर ही बांटा गया।
डीएम ने ये नहीं कहा कि “आवेदन करो”, उन्होंने कहा – “परेशानी में इंतज़ार नहीं, मदद तुरंत होनी चाहिए।”

बच्चों की पढ़ाई न रुके – स्कूल के पास किराये का घर लें

डीएम ने गांव वालों से अपील की –
“बच्चों को खतरनाक रास्तों से स्कूल मत भेजो, स्कूल के पास घर लेकर पढ़ाई जारी रखो। उसके लिए भी सरकार आपकी मदद करेगी।”

15 दिन में बनेगा हेलीपैड, गर्भवती महिलाओं के लिए खास इंतजाम

डीएम ने आदेश दिए कि 15 दिन के अंदर गांव में एक अस्थायी हेलीपैड बने, ताकि जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर से भी मदद पहुंच सके।
साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों की नियमित जांच के लिए एएनएम की ड्यूटी भी लगाई गई।

हर मांग पर तुरंत फैसला – गांव की आवाज़ बनी सरकार कोटी-बटोली सड़क लोनिवि को सौंपने की प्रक्रिया शुरू थान गांव तक वैकल्पिक सड़क के लिए सर्वे के निर्देश 3.98 लाख रुपये तुरंत मरम्मत कार्यों के लिए मंज़ूर 20 सोलर लाइटों की स्वीकृति डीएम के निजी कोटे से झूला पुल और स्थायी समाधान के लिए प्रस्ताव लोनिवि को भेजा गया


ये कोई औपचारिक दौरा नहीं था – ये भरोसा था यह दौरा सिर्फ़ रिपोर्ट या मीटिंग के लिए नहीं था।
ये उस भरोसे की तस्वीर थी, जो लोगों की आंखों में आंसू और चेहरे पर मुस्कान ले आया।

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